Andhak Vadh in hindi| अंधक वध इन हिंदी
Andhak Vadh भगवन शिव सब से महान देवता में से एक है उन के जैसा महान पुरुष देवता न हुआ है न होगा| भगवन शिव को धरती का करता डरता माना जाता है| क्यों की भगवान शिव ने धरती को बचने के लिए अपनी तीसरी आँख खोली थी|Andhak Vadh भगवान शिव को प्रशन करने के लिए लोग शिवरात्रि के दिन भगवन शिव के लिए व्रत रखते है और मन चाहा वार की कामना और प्राथना करते है| कहा जाता है की जो लोग इस दिन भगवान शिव के लिए व्रत रखता है या पूजा पाठ मन से करता है उससे मनचाहा वर मिलता है| वैसे तो भगवान् शिव को लेकर बहुत सी पुरानी कथाएं प्रचलित है पर आज जो कथा हम आपको बताने जा रहे है वो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी|
करे शिव दर्शन क्या इस मंदिर में खुद भगवन शिव विराजमान होते है शिवरात्रि पर??
Shiv Parvati katha| भगवान शिव कथा
ये तो सब जानते ही है कि भगवान् शिव के दो पुत्र थे| एक तो भगवान् गणेश और दूसरे कार्तिकेय. पर क्या आप जानते है कि इन दोनों के इलावा भी भगवान् शिव का एक और पुत्र था जिसका नाम अंधक था.Andhak Vadh जिस तरह भगवान् गणेश के जन्म की कथा को सब सुनना पसंद करते है वैसे ही अंधक की कथा भबी कुछ इस प्रकार ही है जो बहुत कम लोगो को ज्ञात है. चलिए यहाँ जानते है कि क्या वाकई Andhak Vadh अंधक – अंधकासुर भगवान् शिव का पुत्र था? या लोगो ने यह कहानी बना राखी है और अगर वो शिव पारवती का पुत्र था तो उस की चर्चा क्यों नही की जाती और यदि सच में उनका पुत्र था तो उसका जन्म कैसे हुआ और उसका अंत अपने पिता भगवान् शिव द्वारा ही क्यूँ हुआ ?Andhak Vadh आइये जानते है
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History about andhak
पुराण के अनुसार Andhak Vadh अंधक भगवान शिव तथा देवी पार्वती का पुत्र था और उसका वध भगवान शिव ने किया था| परन्तु एक अन्य मतानुसार अंधक कश्यप ऋषि और दिति का पुत्र था जिसका वध भगवान शिव ने किया था। भगवान विष्णु के पुत्रों का नाम आनंद, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत। विष्णु ने ब्रह्मा के पुत्र भृगु की पुत्री लक्ष्मी से विवाह किया था। शिव ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की कन्या सती से विवाह किया था, लेकिन सती तो दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर भस्म हो गई थी। इस लिए उन का कोई पुत्र या पुत्री नहीं थी। तब कैसे जन्मे शिव के पुत्र?
son of lord Shiva
सती के आत्मदाह करने के बाद सती ने अपने दूसरे जन्म में पर्वतराज हिमालय के यहां उमा के रूप में जन्म लिया यह उमा ही बाद में पार्वती के नाम से जनि गई| आपको पता ही है की सती या उमा ही मां दुर्गा के रूप हैं। Andhak Vadh शिव और पार्वती के मिलन के बाद शिवजी का गृहस्थ जीवन शुरू हुआ और उनके जीवन में अनेक प्रकार की घटनाओं की शुरुआत हुई। पार्वती के साथ रहते हुए शिवजी के कई पुत्र हुए। उनमें ही प्रमुख 6 पुत्रों के बारे में हर कोई जनता है| अगर भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्रों की बात की जाये तो हमारे दिमाग में दो नाम ही आते हैं और वो नाम हैं गणेश और कार्तिक। गणेश और कार्तिक के बारे में तो सब जानते हैं।
story Andhakasura in hindi
एक बार की बात है भगवान शिव और देवी पार्वती घूमते हुए काशी चले गए| वहां भगवान शिव अपना मुँह पूर्व दिशा की और करके बैठे थे। तभी पीछे से देवी पार्वती वहां आती हैं और अपने हाथों से भगवान शिव की आँखों को बंद कर देती हैं। उनके ऐसा करने से समस्त जगत में अन्धकार छा जाता है। जगत को बचाने के लिए भगवान शिव अपनी तीसरी आँख खोल देते हैं। उनकी तीसरी आँख खुलने पर जगत में फिर से रोशनी हो जाती है। भगवान शिव की तीसरी आंख जगत को तो अंधकार से बचा लेती है परन्तु उस तीसरी आँख की रोशनी से जो ताप उत्पन्न हुआ उससे देवी पार्वती को पसीना आ गया। देवी पार्वती के पसीने की बूंदों से एक बालक का जन्म हुआ।
अंधक कौन था| Andhakasura vadh
उस बालक का मुख बहुत बड़ा और भयानक था। उस बालक को देखकर देवी पार्वती ने भगवान शिव से उसके उत्पन्न होने का कारण पूछा। भगवान शिव ने उसे अपना पुत्र बताया और देवी पार्वती की जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा कि इस बालक के उत्पन्न होने का कारण उनका पसीना है। अन्धकार में पैदा होने के कारण उस बालक का नाम Andhak Vadh अंधक रखा गया। कुछ समय बाद हिरण्याक्ष नाम के असुर ने पुत्र पाने के लिए भगवान शिव की घोर तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे अपना पुत्र अंधक, वरदान के रूप में प्रदान किया। अंधक असुरों के बीच में ही पला बढ़ा और आगे चल कर असुरों का राजा बन गया।.
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first son Andhaka parvati
अंधक अपने असली माता पिता के बारे में भूल चुका था। Andhak Vadh अंधक बहुत बलवान था। अंधक ने और अधिक बलवान बनने के लिए ब्रहम्मा जी की तपस्या की तथा ब्रहम्मा जी से वरदान माँगा कि उसकी मृत्यु तब ही हो जब वो अपनी माता को बुरी नजर से देखे। अंधक खुद को अमर मान समाज कर बहुत खुश हुआ। अंधक को लगता था की उसकी कोई माँ नही है। सत्य से वो अज्ञात था। वरदान की वजह से अंधक बहुत ताकतवर हो चुका था और उस अशुर ने तीनो लोको पर विजय प्राप्त कर ली थी और तीनो लोको का राजा बन चूका था| त्रिलोक विजयी होने के बाद अब अंधक सबसे सुंदर कन्या से विवाह करना चाहता था।
Death story Andhak
उसे पता चला कि देवी पार्वती पुरे जगत में सबसे अधिक सुंदर हैं। ये जानने के पश्चात Andhak Vadh अंधक विवाह का प्रस्ताव लेकर देवी पार्वती के पास चला गया। देवी पार्वती के मना करने पर अंधक उन से जबरदस्ती की और ले जाने लगा तो देवी पार्वती ने भगवान शिव का आह्वान किया। पार्वती के आह्वान पर भगवान शिव वहां प्रकट हुए और उन्होंने अंधक को बताया कि वह देवी पार्वती का पुत्र है। ऐसा कहकर उन्होंने अंधक का वध कर दिया। वापन पुराण में बताया गया है कि अंधक भगवान शिव तथा देवी पार्वती का पुत्र था और उसका वध भगवान शिव करते हैं। परन्तु एक अन्य मतानुसार अंधक कश्यप ऋषि और दिति का पुत्र था जिसका वध भगवान शिव ने किया था।