*शास्त्रों में बताया गया है कि देवी लक्ष्मी की पूजा में कुछ बातों का ध्यान बहुत जरूरी है अगर इनकी अनदेखी की जाती है और पूजा में इनका प्रयोग किया जाता है तो धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
*भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय लेकिन देवी लक्ष्मी को तुलसी से वैर है क्योंकि यह भगवान विष्णु के अन्य स्वरूप शालिग्राम की पत्नी है। इस नाते तुलसी देवी लक्ष्मी की सौतन है। इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी और तुलसी मंजरी भूलकर भी नहीं चढ़ाएं।
*देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक की बाती लाल रंग की प्रयोग में लाएं। दीपक को दायीं ओर रखें। दीपक बायीं ओर नहीं रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि भगवान विष्णु अग्नि और प्रकाश स्वरूप हैं। भगवान विष्णु का स्वरूप होने के कारण दीप को दायी ओर रखना चाहिए।
*धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के समय अगरबत्ती दायीं ओर नहीं रखें। धूप, धूमन धुएं वाली चीजों को बायीं ओर रखें। बायीं ओर धूप धूमन और अगरबत्ती जलने से भगवान विष्णु की वामांगी देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
*सफेद फूल देवी लक्ष्मी को नहीं चढ़ाएं। देवी लक्ष्मी चीर सुहागन हैं इसलिए इन्हें हमेशा लाल फूल जैसे लाल गुलाब और लाल कमल फूल चढ़ाया जाता है।
*देवी लक्ष्मी की पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती है जब तक भगवान विष्णु की पूजा नहीं होती है। इसलिए दीपावली की शाम गणेश जी की पूजा के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इस बात का उल्लेख देवीभाग्वत पुराण में किया गया है।
*देवी लक्ष्मी की पूजा के समय प्रसाद दक्षिण दिशा में रखें और फूल हमेशा सामने रखें।