
Chaya Someswara Temple
भगवान शिव के अनोखे चमत्कारिक मंदिर में से एक मंदिर दक्षिण भारत के राज्य हैदराबाद में स्थित है जो लगभग 1000 साल प्राचीन है. छाया सोमेशवर(chaya someswara temple) के नाम जाना जाने वाला यह मंदिर अपने प्राचीन वास्तुकला तथा अद्भुत स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. भगवान शिव का यह अद्भुत मंदिर(chaya someswara temple) एक प्रमाण है की हमारे पूर्वज न केवल धर्म के मामले में आगे थे बल्कि विज्ञानं एवं स्थापत्य कला के मामले में भी हमसे कई गुना आगे थे.
इस विलक्षण एवं अद्भत मंदिर में एक जगह ऐसी है जहा बहुत ही अद्भुत चमत्कार देखने को मिलता है. मंदिर के इस खास जगह पर भगवान शिव की एक मूर्ति स्थापित है जिस पर मंदिर(chaya someswara temple) में स्थित स्तम्भ की छायानुमा आकृति शिवमूर्ति के ठीक पीछे पड़ती है. इस मंदिर में बहुत से खम्बे है जो मंदिर को सहारा देते है परन्तु रहस्य की बात यह है की आप सभी खम्बो के सामने खड़े भी हो जाए फिर भी शिवमूर्ति के पीछे खम्बे की आकृति दिखाई देगी.
मंदिर(chaya someswara temple) का यह चमत्कार लोगो के लिए बहुत वर्षो तक एक रहस्य बना रहा परन्तु अब वैज्ञानिकों ने शिवमूर्ति के पीछे पड़ने वाली खम्बे की छाया का यह रहस्य सुलझा लिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार मंदिर में घटने वाले इस चमत्कार के पीछे प्रकाश विवर्तन का सिद्धांत जुड़ा हुआ है.
इस सिद्धांत के अनुसार जब सूर्य की रौशनी यहाँ मौजूद भगवान शिव के मूर्ति के पास स्थित चारो खम्भों पर पड़ती है तो वो एक छायानुमा आकृति लेकर सामने वाले दीवार पर एक स्तम्भ के रूप में दिखाई पड़ती है.
इस तरह की कला के द्वारा वर्तमान में भी कोई भवन का निर्माण करना बहुत चुनौती भरा व मुश्किल काम है. इस तरह के वाश्तु कला के सिद्धांत का पता 17 वी शताब्दी में चला था यानि इस सिद्धांत के खोज के पूर्व ही 700 साल पहले इस अद्भुत मंदिर(chaya someswara temple) का निर्माण हो चूका था.
11 वी सदी में जिस किसी के द्वारा भी यह मंदिर निर्मित हुआ होगा उसे पहले से ही प्रकाश विवर्तन का सिद्धांत पता होगा. मंदिर में सूर्य का प्रकाश भीतर कक्ष तक पहुंचते ही स्तम्भों के पास से दो संकीर्ण रास्तो से विभाजित हो जाता है. सूर्य का प्रकाश जो कक्ष के अंदर आता है वही स्तम्भनुमा आकृति का निर्माण करता है.
विज्ञान की दुनिया में विवर्तन के सिद्धांत को प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिक का नाम फ्रेंसेस्को मारिया था जो इटली के नागरिक थे. इन्होने ही 1960 में प्रकाश के विवर्तन के संबंध में बिलकुल स्टिक विवेचना दी थी. परन्तु 1000 सालो से खड़ा यह शिव मंदिर हमारे पूर्वजो के ज्ञान का एक अनोखा प्रतीक है.